राहुल और प्रिया की मुलाकात कॉलेज के पहले दिन हुई थी। दोनों ही नए थे और अपने-अपने विषयों में डूबे हुए थे। राहुल एक इंजीनियरिंग का छात्र था, जबकि प्रिया कला की छात्रा थी। उनकी दोस्ती धीरे-धीरे बढ़ने लगी और जल्द ही वे एक-दूसरे के अच्छे मित्र बन गए।
राहुल अपनी पढ़ाई में बहुत मेधावी था और प्रिया उसकी प्रतिभा से प्रभावित थी। वहीं, प्रिया का कला के प्रति समर्पण और उसकी क्रिएटिविटी राहुल को बहुत भाती थी। वे अक्सर कैंपस के पार्क में बैठकर बातें करते, सपने बुनते और एक-दूसरे को अपने जीवन की कहानियाँ सुनाते।
एक दिन, राहुल ने प्रिया को अपने दिल की बात कहने का निर्णय लिया। उसने एक गुलाब का फूल लिया और प्रिया के सामने अपने प्रेम का इज़हार किया। प्रिया थोड़ी सी चौंकी, लेकिन फिर उसने भी राहुल से अपने दिल की बात कह दी। दोनों की आँखों में खुशी के आँसू थे।
उनकी प्रेम कहानी और भी गहरी होती गई। वे साथ में पढ़ाई करते, फिल्में देखते, और शहर की सैर पर जाते। समय के साथ, उनका प्यार और मजबूत होता गया। दोनों ने अपने सपनों को एक-दूसरे के साथ साझा किया और अपने भविष्य की योजनाएँ बनाने लगे।
ग्रेजुएशन के बाद, राहुल को एक अच्छी नौकरी मिल गई और प्रिया ने अपनी कला की प्रदर्शनी लगाई। राहुल ने प्रिया को प्रपोज किया और उन्होंने शादी कर ली। उनकी शादी एक छोटे से समारोह में हुई, जिसमें उनके करीबी दोस्त और परिवार वाले शामिल थे।
राहुल और प्रिया ने एक-दूसरे के सपनों को साकार करने के लिए हमेशा साथ दिया। उनका प्यार समय के साथ और गहरा होता गया और वे एक-दूसरे के जीवन के हर पल का आनंद लेते रहे। उनकी कहानी एक सच्चे प्यार और दोस्ती की मिसाल बन गई।