2022 me saraswati puja kab hai आज की इस पोस्ट में हम आपको इसी के बारे में जानकारी देने वाले है अगर आप जानना चाहते हैं कि 2022 में सरस्वती पूजा कब है तो आज का यह पोस्ट आपके लिए है दोस्तों आपके जानकारी के लिए बता दूँ कि हिंदू पंचांग के अनुसार, माघ माह के शुक्ल पक्ष के पांचवें दिन बसंत पंचमी मनाई जाती है। सभी का मानना है कि इस दिन माँ सरस्वती की पूजा करने से विद्या और बुद्धि का विकास होता है। बहुत सारे लोगों को इस दिन का इंतजार रहता है
जिसके कारण लोगों ने गूगल पर बिहार में 2022 में सरस्वती पूजा कब है , बसंत पंचमी 2022 कब है और 2022 में सरस्वती पूजा कब है इन सभी सवालों को सर्च करते हैं ताकि उन्हें मालूम हो सकें कि इस साल मतलब कि 2022 में me saraswati puja kab hai है आपको तो मालूम ही होगा कि सभी स्कूलों और काॅलेज में बड़ी धूम धाम से सरस्वती पूजा मनाया जाता है आइए अब जानते हैं कि बिहार में 2022 में सरस्वती पूजा कब है
2022 में सरस्वती पूजा कब है
आपको तो मालूम ही होगा कि माघ महीने के शुक्ल पक्ष की पंचमी को सरस्वती पूजा के रूप में मनाया जाता है। और 2022 में यह दिन 5 फरवरी शनिवार को पड़ता है मतलब कि 2022 में सरस्वती पूजा 5 फरवरी शनिवार को सरस्वती पूजा मनाया जाऐगा
सरस्वती पूजा मुहूर्त्त
अगर आप लोग गूगल पर यह सर्च करते हैं कि सरस्वती पूजा का शुभ मुहूर्त्त तो यहाँ पर जानकारी दिया गया है
07:07:19 से 12:35:19 तक अवधि : 5 घंटे 28 मिनट अब तो आप सरस्वती पूजा मुहूर्त्त के बारे में भी जान गयें होगें
बसंत पंचमी पूजा विधि
इस दिन मां सरस्वती की प्रतिमा या मूर्ति को पीले रंग के वस्त्र से अर्पित किया जाता है फिर रोली, चंदन, हल्दी, केसर, चंदन, पीले या सफेद रंग के पुष्प, पीली मिठाई और अक्षत अर्पित किया जाता है इसके बाद पूजा के स्थान पर वाद्य यंत्र और किताबों को अर्पित किया जाता है फिर मां सरस्वती की वंदना का पाठ किया जाता है
सरस्वती पूजा क्यों मनाया जाता है?
पौराणिक कथाओं के अनुसार जैसा कि आप सभी को मालूम होगा कि इस सृष्टि के रचनाकार भगवान ब्रह्मा जी है इन्होंने जब जब संसार को बनाया तो पेड़-पौधों और जीव जन्तुओं मतलब कि सबकुछ दिख रहा था लेकिन फिर भी उन्हें किसी चीज की कमी महसूस हो रही थी इसी कमी को पुरा करने के लिए भगवान ब्रह्मा जी ने अपने कमंडल से जल निकालकर छिड़का तो सुंदर स्त्री के रूप में एक देवी प्रकट हुईं। इस देवी के एक एक हाथ में वीणा और दूसरे हाथ में पुस्तक थी , तीसरे हाथ में माला और चौथा हाथ में मुद्रा था। यह देवी कोई ओर नहीं बल्कि माँ सरस्वती थी जब
सरस्वती माता ने वीणा बजाय तो इस संसार के हर चीज में स्वर आ गया इसी से उनका नाम पड़ा देवी सरस्वती और यह दिन था बसंत पंचमी का तभी से लेकर आज तक देव लोक और मृत्युलोक में मां सरस्वती की पूजा होने लगी।
Conclusion :
दोस्तों आज की इस पोस्ट में आपने जाना कि 2022 में सरस्वती पूजा कब है ,2022 me saraswati puja kab hai मै उम्मीद करता हूँ कि आपको आज का पोस्ट पसंद आया होगा अगर आपको यह पोस्ट पसंद आया तो इसे अपने दोस्तों के साथ सोशल मीडिया पर शेयर जरूर करें अगर इससे संबंधित आपके मन में कोई सवाल या सुझाव है तो कमेंट जरूर करें
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